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काका हाथरसी
जन्म : 18 सितंबर, 1906 को हाथरास में। काका हाथरसी का मूल नाम प्रभुलाल गर्ग था।
मात्र 29 वर्ष की अवस्था में काका की प्रथम कविता ‘गुलदस्ता’ मासिक के मुखपृष्ठ पर सन् 1933 में प्रकाशित हुई। काका ने सन् 1935 में ‘संगीत’ मासिक प्रकाशित करने की योजना बनाई।

रचना-संसार : ‘दुलत्ती’, ‘काका के कारतूस’, ‘काका के प्रहसन’, ‘काकदूत’, ‘काका की फुलझडि़याँ’, ‘काका के कहकहे’, ‘महामूर्ख सम्मेलन’, ‘काका की काकटेल’, ‘चकल्लस’, ‘काकाकोला’, ‘हँसगुल्ले’, ‘काका के धड़ाके’, ‘कहँ काका कविराय’, ‘फिल्मी सरकार’, ‘जय बोलो बेईमान की’, ‘नोकझोंक काका-काकी की’, ‘काका-काकी के लवलैटर्स’, ‘हसंत-बसंत’, ‘योगा एंड भोगा’, ‘काका की चौपाल’, ‘यार सप्तक’, ‘काका का दरबार’, ‘काका के चुटकुले’, ‘हँसी के गुब्बारे’, ‘काका तरंग’, ‘काका शतक’, ‘मेरा जीवन ः ए-वन’, ‘मीठी-मीठी हँसाइयाँ’, ‘काका की महफिल’, ‘खिलखिलाहट’, ‘काका के व्यंग्य-बाण’।

स्मृतिशेष : करोड़ों व्यक्तियों को हास्य से सराबोर करनेवाले काकाजी बड़े शांत भाव से 18 सितंबर, 1995 को हमसे बिदा हो गए; किंतु उनका लेखन हमेशा-हमेशा उनके प्रशंसकों के मन में उनकी स्मृतियाँ ताजा रखेगा।
प्रसिद्ध युवा चित्रकार शिवाशीष शर्मा की 18 पुस्तकें कार्टूंस पर तथा 3 पुस्तकें पेंसिल आरेखन पर छप चुकी हैं। इनको चित्रकला संगम नई दिल्ली द्वारा ‘वर्ष का सर्वोत्तम कार्टूनिस्ट’ का पुरस्कार सन् 2007 में मिल चुका है।

काका काकी की नोकझोंक

काका हाथरसी

मूल्य: Rs. 95

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काका की चौपाल

काका हाथरसी

मूल्य: Rs. 60

काका की चौपाल हास्य-व्यंग्य की एक अनोखी पुस्तक है....   आगे...

काका की फुलझड़ियाँ

काका हाथरसी

मूल्य: Rs. 95

इस पुस्तक में संगृहित काका जी की हास्य-कविताएँ, कविसम्मेलनों और काव्य-गोष्ठियों में हजारों, लाखों श्रोताओं को गुदगुदा चुकी हैं। सन् 1965 में पहली बार प्रकाशित इस संकलन की तीन लाख प्रतियाँ अब तक बिक चुकी हैं। आइए, हिंदी के इस महान कवि के कृतित्व का आनन्द उठाएँ।   आगे...

काका की महफिल

काका हाथरसी

मूल्य: Rs. 60

प्रस्तुत पुस्तक में, काकाजी द्वारा बुलायी गई महफिल में श्रोताओं द्वारा पूछे रोचक उत्तर उन्हीं की लेखनी के माध्यम से दिए गए हैं...   आगे...

काका के गोलगप्पे

काका हाथरसी

मूल्य: Rs. 600

प्रसिद्ध हास्य कवि काका की हास्य से भरपूर कविताएँ   आगे...

काका के ठहाके

काका हाथरसी

मूल्य: Rs. 600

प्रसिद्ध हास्य कवि काका की हास्य से भरपूर कविताएँ   आगे...

काका के प्रहसन

काका हाथरसी

मूल्य: Rs. 60

प्रस्तुत है हास्य व्यंग्य....   आगे...

काका के व्यंग्य बाण

काका हाथरसी

मूल्य: Rs. 60

इस पुस्तक में काका के उन व्यंग्यबाणों को संगृहित किया गया है, जिन्होंने समाज की विडंबनाओं और कुरूपताओं पर व्यापक प्रहार किया है, साथ ही समाजसुधार का व्यापक प्रयास भी।   आगे...

काका तरंग

काका हाथरसी

मूल्य: Rs. 60

इस महाकवि के कृतित्व के विशाल सागर से बटोरी गई कुछ तरंगें इस पुस्तक में सँजोई गई हैं। आशा है, हमारे पाठक इनमें डुबकी लगाकर स्वयं को तरोताजा महसूस करेंगे।   आगे...

काका-काकी के लव लैटर्स

काका हाथरसी

मूल्य: Rs. 60

‘कॉफ़ी मिलेगी बाद में, पहले अंदर आओ। सफ़ाई में कुछ हाथ बँटाओ।’ हमने कुर्ता उतारकर खूँटी पर टाँग दिया। धोती को लंगोटी की तरह लपेट लिया और देने लगे अर्धांगिनी का साथ। ‘तुम हमारे कमरे की सफ़ाई करो, हम तुम्हारे की करेंगे।’   आगे...

 

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